एक बार बंता और संता बाहर घूमने के लिए गए
घुमते -घुमते रस्ते में रात हो गई
दोनों ने टेंट का जुगाड़ कर लिया और एक टेंट लगा लिया
आधी रात को बंता की आंख खुली तो उपर देखकर घबरा गया
जल्दी से संता को उठा लिया
बंता - उपर देखो क्या दिखाई दे रहा है ?
संता - वाह चांदनी रात और खुला आसमान
तारे ही तारे क्या नजारा है
बंता - अबे साले कैसा नजारा है कोई